Air India Flight 171 Crash Related Important Fact:- Air India Flight 171 जो 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भर रही थी, टेक-ऑफ के लगभग 30 सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बी. जे. मेडिकल कॉलेज के एक छात्रावास भवन से टकरा गया, जिससे विमान में सवार लगभग सभी 241 लोगों (230 यात्री और 12 चालक दल) और ज़मीन पर 19 अन्य लोगों की मौत हो गई। विमान में केवल एक यात्री जीवित बचा। Air India Flight 171 Crash में जो एक व्यक्ति बचा है उसकी पुरी जानकारी हम आपकों एक एनिमेटेड विडियों के माध्यम से उपलब्ध करायेगें। विडियों देखें
Air India Flight 171 Crash Related Important Fact मुख्य तथ्य:
- दुर्घटना का समय: 12 जून 2025 को दोपहर 13:39 IST (08:09 UTC) पर उड़ान भरने के लगभग 30 सेकंड बाद।
- विमान: बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (पंजीकरण VT-ANB)।
- मार्ग: अहमदाबाद (भारत) से लंदन गैटविक (यूनाइटेड किंगडम)।
- मृतक: विमान में सवार 241 में से 240 लोग (एक यात्री जीवित बचा) और ज़मीन पर 19 अन्य लोग।
- क्षति: विमान पूरी तरह से नष्ट हो गया। बी. जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास भवन और अन्य संरचनाओं को भी भारी नुकसान हुआ।
Air India Flight 171 Crash दुर्घटना के कारण की प्रारंभिक जांच:
- फ्यूल स्विच की स्थिति: प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद (लगभग 3 सेकंड बाद), विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच एक सेकंड के अंतराल पर “रन” (RUN) से “कटऑफ” (CUTOFF) स्थिति में चले गए। इससे इंजनों को ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई और थ्रस्ट में अचानक कमी आ गई।
- पायलटों के बीच बातचीत: कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) में रिकॉर्ड हुई बातचीत में एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “आपने कटऑफ क्यों किया?” जिसके जवाब में दूसरे पायलट ने कहा, “मैंने ऐसा नहीं किया।” यह इस बात को दर्शाता है कि पायलटों के बीच ईंधन स्विच के बंद होने को लेकर भ्रम की स्थिति थी, और वे इसे एक दूसरे से जोड़ना नहीं चाहते थे।
- रिकवरी का प्रयास: उड़ान डेटा से पता चलता है कि इंजनों को फिर से चालू करने का स्वचालित प्रयास किया गया था, और इंजन 1 ने संक्षेप में प्रतिक्रिया दी, लेकिन इंजन 2 कई बार ईंधन पुनः डालने के बावजूद रिकवर नहीं हुआ। दुर्घटनाग्रस्त होने से कुछ सेकंड पहले “मेडे” कॉल भी किया गया था।
- तकनीकी खराबी या मानवीय भूल: इस बात की जांच जारी है कि क्या फ्यूल स्विच मानवीय रूप से, अनजाने में, या किसी तकनीकी खराबी के कारण बंद हुए थे। बोइंग ने 2018 में फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग तंत्रों के संभावित डिस्कनेक्शन के बारे में एक वैकल्पिक सलाह जारी की थी, लेकिन एयर इंडिया ने उस समय अनुशंसित जांच नहीं की थी।
- एएआईबी की जांच: भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा जांच जारी है। AAIB ने प्रारंभिक रिपोर्ट में किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने से इनकार किया है और अंतिम रिपोर्ट में ही दुर्घटना के मूल कारणों और सिफारिशों का खुलासा किया जाएगा।
Air India Flight 171 Crash बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की पहली घातक दुर्घटना है और 1985 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 की बमबारी के बाद एयर इंडिया की पहली घातक दुर्घटना या हल लॉस भी है। यह 1996 की चरखी दादरी मध्य-वायु टक्कर के बाद भारत में सबसे घातक विमानन दुर्घटना भी है